வெள்ளி, 18 செப்டம்பர், 2015

सातवें वेतन आयोग में 2004 से बंद फैमिली पेंशन फिर शुरू कर सकती है सरकार


भोपाल. केंद्र और राज्यों के 33 लाख कर्मचारियों के लिए यह अच्छी खबर है। सरकार उन्हें अगले साल से फैमिली पेंशन देने पर विचार कर रही है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में इसका प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार को दिसंबर माह तक केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, जिसे मंजूरी मिलने के बाद कर्मचारियों को इसका लाभ 1 जनवरी 2016 से मिल सकता है।

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अभी अप्रैल, 2004 के बाद सरकारी नौकरियों में भर्ती हुए अफसर से लेकर कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन मिलती है, जबकि इससे पहले के कर्मचारियों को फैमिली पेंशन मिल रही है।

इसमें न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत भर्ती हुए कर्मचारियों की परेशानी यह है कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी या नहीं, यह तय ही नहीं है।

इसके तहत उनके वेतन से 10 प्रतिशत और इतनी ही राशि सरकार के अंश की होती है। रिटायरमेंट तक यह राशि काटी जाएगी जिसमें से 70 प्रतिशत राशि कर्मचारी को नकद दी जाएगी और बाकी 30 प्रतिशत पेंशन फंड के लिए जमा किए जाने का प्रावधान है जिसमें से उन्हें जीवित रहने तक आंशिक पेंशन दिया जाना है।

अभी यह है प्रावधान : अभी अप्रैल, 2004 से पहले नौकरी में भर्ती हुए कर्मचारियों को फैमिली पेंशन मिल रही है। इसमें पेंशन के नाम पर उनके वेतन से कोई राशि नहीं काटी जाती है। रिटायरमेंट के वक्त अंतिम माह को जो वेतन देय होता है, उसकी 50 फीसदी राशि पेंशन के रूप में तय हो जाती है। यह राशि उन्हें जीवित रहने तक मिलती है और उसके बाद आश्रित को ट्रांसफर हो जाती है।
13 लाख से ज्यादा भर्तियां
केंद्र में अप्रैल 2004 से अब तक 13 लाख 46 हजार 862 भर्तियां हुईं, वहीं राज्यों में यह संख्या 19 लाख 58 हजार 378 है। इनमें मप्र में हुई भर्तियां 62 हजार हैं। इन कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन का प्रावधान है। इनके वेतन से हर महीने काटी जा रही 10 प्रतिशत राशि के अलावा इतनी ही राशि सरकार मिला रही है। इस फंड में एनएसडीएल के पास अब तक तक 42 हजार करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं।

सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में यह माना जा रहा है कि न्यू पेंशन स्कीम को रिवाइज किया जाएगा, जिसे फैमिली पेंशन में परिवर्तित किए जाने की पूरी उम्मीद है। ऐसी हमारी लगातार मांग भी रही है। यदि केंद्र इस सिफारिश को मानता है तो इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों का फायदा होगा। -केकेएन कुट्टी, अध्यक्ष, केंद्रीय कर्मचारी परिसंघ, नईदिल्ली

- सरकारी सेवाओं में 1 अप्रैल 2004 से फैमिली पेंशन खत्म कर दी गई थी। सरकार का यह कदम ठीक नहीं था। पेंशन ही एक ऐसा आकर्षण है, जो लोगों को सरकारी सेवाओं में आने के लिए आकर्षित करता है। सातवें वेतन आयोग में इसकी अनुशंसा करता है और केंद्र इसे मानता है तो कर्मचारियों के हित में फायदेमंद होगा। केएस शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश

इसलिए पड़ी जरूरत
पिछले 11 साल से सरकार में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर सोशल सिक्युरिटी के रूप में मिलने वाली पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है। इससे सरकारी सेवाओं में आने वाले युवाओं का रुझान भी घटा। यह इससे साफ होता है कि 1 अप्रैल 1994 से 1 अप्रैल 2004 के बीच जहां 50 लाख से ज्यादा लोग नौकरी में आए। वहीं, पेंशन खत्म होने के बाद सिर्फ 33 लाख लोग ही नौकरी में आए।

यदि केंद्र फैमिली पेंशन की अनुशंसा को स्वीकार करता है तो हम इसे राज्य में लागू करने पर विचार करेंगे। -जयंत मलैया, वित्त मंत्री

DEPARTMENT OF PENSION

Department of Pension – Verification of qualifying service after 18 years service and 5 years before retirement…

Department of Pension – Verification of qualifying service after 18 years service and 5 years before retirement.

No.1 119/2013-P&PW(E)
Government of India
 Ministry of Personnel,
Public Grievances & Pensions Department of Pension and Pensioners Welfare
 Lok Nayak Bhavan, Khan Market,
New Delhi-l 10003,
Dated the 16.9.2015
 OFFICE MEMORANDUM
Sub: Verification of qualifying service after 18 years service and 5 years before retirement.
 It has been observed by this Department that processing of pension cases of the employees retiring from the government service quite often get delayed on account of the issues relating to verification of service from time to time by the concerned authorities during the service of the concerned employee. Although detailed instructions regarding verification of service have been issued by Department of Personnel & Training and by this Department, these instructions are not meticulously adhered to resulting in delay in sanctioning of retirement benefit of the employees.
  1. Rule 32 of the CCS (Pension) rules, which existed prior to December, 2012 provided for issuing of a certificate in Form 24 by the Head of Office in consultation with by the Account Officer regarding completion of qualifying service of 25 years. These rules have been amended subsequently and as per the existing provisions, a certificate regarding qualifying service is required to be issued by the HOO after completion of 18 years of service and again 5 years before the date of retirement of an employee. Rule further provide that verification done under that rule shall be treated as formal and shall not be reopened except when necessitated by a subsequent -change in the rules and orders governing the conditions under which the service qualifies for pension.
  2. It has been noticed that the certificates regarding qualifying service are not invariably issued to the government servant as required under the rules. All Ministries! Departments etc. are therefore requested to bring these provisions to the notice of Heads of Offices and PAOs for strict compliance. Non-compliance of this statutory requirements may be viewed seriously.
  3. In order to review status regarding compliance of these rules, all Ministries! Departments are requested that the information may be collected from all establishments loffice under them and the same may be compiled and sent to this Department by 15th October, 2015 in the enclosed proforma.
 ( Sujasha Choudhury)
Deputy Secretary to the Government of India

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